आदि उत्कर्ष अंत की प्रक्रिया परम्परा प्रतिस्पर्धा के जीवन का युग ब्रह्मांड। आदि उत्कर्ष अंत की प्रक्रिया परम्परा प्रतिस्पर्धा के जीवन का युग ब्रह्मांड।
बगल में एक पुराना पेपर पड़ा था। टाइम पास के लिए उसे पढ़ने लगा। लिखा था :- बगल में एक पुराना पेपर पड़ा था। टाइम पास के लिए उसे पढ़ने लगा। लिखा था :-
कोई ऐसा बादल आएगा जो इस तपती धरती को तृप्त करते हुए उसके वज़ूद का अहसास करवाएगा कोई ऐसा बादल आएगा जो इस तपती धरती को तृप्त करते हुए उसके वज़ूद का अहसास करवाएगा
नूतन अब ऐसी परिस्थितियों में जीना नहीं चाहती थीं। नूतन अब ऐसी परिस्थितियों में जीना नहीं चाहती थीं।
तो हमारे देश मे फिर से राम राज्य आ जाए। तो हमारे देश मे फिर से राम राज्य आ जाए।
स्वाभिमान संग जीना, जीवन में जरूरी है। स्वाभिमान संग जीना, जीवन में जरूरी है।